8th Pay Commission Update: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी तय!

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लंबे समय से इंतजार खत्म होने वाला है, क्योंकि सरकार ने 8th Pay Commission को लेकर बड़ा कदम उठाया है। कई महीनों से जहां कर्मचारी और पेंशनधारी इस वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे थे, वहीं अब केंद्र सरकार की तरफ से संकेत मिला है कि इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है। सरकार ने साफ किया है कि 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को लेकर राज्यों के साथ निरंतर बातचीत जारी है, जिससे इस पर जल्द कोई ठोस घोषणा की जा सकती है।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय महासंघ (GENC) के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की थी और उनसे 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग रखी थी।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

कर्मचारियों का कहना है कि मौजूदा समय में महंगाई और जिम्मेदारियों के बढ़ते बोझ के कारण नया वेतन आयोग लागू होना बहुत जरूरी है। इस मुलाकात में कर्मचारियों ने सरकार के सामने अपनी कुछ मुख्य मांगें रखीं —

  • 8th Pay Commission का गठन जल्द से जल्द किया जाए।
  • पुरानी पेंशन योजना (OPS) को दोबारा बहाल किया जाए।
  • कोविड-19 के दौरान रुकी हुई 18 महीने की डीए (DA) किस्तों का तुरंत भुगतान किया जाए।
  • National Pension System (NPS) और Unified Pension Scheme (UPS) को समाप्त किया जाए।
  • इसके अलावा compassionate appointment, कैडर रिव्यू और नियमित JCM मीटिंग्स कराने की भी मांग उठाई गई।
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इन सभी मांगों के पीछे कर्मचारियों का तर्क है कि उनकी आर्थिक स्थिति लगातार प्रभावित हो रही है, ऐसे में उन्हें जल्द राहत की जरूरत है।

सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही?

बैठक के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया कि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर पूरी गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि 8th Pay Commission के गठन पर जल्द निर्णय लिया जाएगा और पेंशन से जुड़े मुद्दों पर तत्काल पेंशन सचिव के साथ चर्चा की जाएगी।

सरकार का रुख सकारात्मक बताया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों के बीच उम्मीद बढ़ गई है कि नए वेतन आयोग को लेकर जल्द कोई आधिकारिक ऐलान हो सकता है।

क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?

भारत में हर दस साल बाद एक नया वेतन आयोग लागू किया जाता है, ताकि सरकारी कर्मचारियों की वेतन संरचना को वर्तमान आर्थिक स्थिति के अनुसार अपडेट किया जा सके।

आखिरी बार 7वां वेतन आयोग साल 2016 में लागू हुआ था, जिसने बेसिक सैलरी, अलाउंसेस और पेंशन में बड़े बदलाव किए थे। इसके बाद से अब तक कर्मचारियों की महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाया तो गया है, लेकिन उनकी बेसिक सैलरी में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ।

इसलिए अब 8th Pay Commission से उम्मीद की जा रही है कि यह कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और अन्य भत्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करेगा। इससे न केवल कर्मचारियों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि महंगाई के दबाव को भी कम करने में मदद मिलेगी।

8th Pay Commission लागू होने पर क्या होगा फायदा?

यदि केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देती है, तो इससे लगभग 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और करीब 60 लाख पेंशनधारी सीधे लाभान्वित होंगे।

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इस आयोग के लागू होने से:

  • कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 20% से 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
  • DA और HRA जैसे भत्तों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
  • पेंशनधारियों को भी उनके रिटायरमेंट लाभों में इजाफा मिलेगा।
  • महंगाई दर से जुड़ा आर्थिक दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।

8th Pay Commission की संभावित तारीख

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चा 2025 के मध्य या 2026 की शुरुआत में की जा सकती है। चूंकि पिछले आयोग (7वां) को लागू हुए लगभग 10 साल पूरे होने वाले हैं, इसलिए 2026 तक इसे लागू करने की संभावना काफी अधिक मानी जा रही है।

कर्मचारियों में बढ़ी उम्मीदें

कई सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि सरकार अगर जल्द ही आयोग की घोषणा कर देती है, तो यह न केवल कर्मचारियों के लिए राहत की बात होगी बल्कि देश के लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिरता में भी बड़ा सुधार लाएगी।

कर्मचारी महासंघों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर लगातार बढ़ी है, जबकि वेतन वृद्धि उसी अनुपात में नहीं हुई। इसलिए अब 8th Pay Commission 2025 की घोषणा बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, 8th Pay Commission को लेकर सरकार और कर्मचारियों दोनों के बीच सकारात्मक माहौल बन चुका है। जल्द ही इसका गठन होने की संभावना है। अगर आयोग लागू होता है, तो इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।

सरकार द्वारा लिए जाने वाले इस कदम से न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों में उत्साह बढ़ेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा का संचार होगा।

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